रोपण कृषि किसे कहते हैं?

रोपण कृषि एक प्रकार की वाणिज्यिक कृषि है जिसमें बड़े पैमाने पर एक ही प्रकार की फसल उगाई जाती है, जैसे कि चाय, कॉफी, रबर, कपास, या केला। यह कृषि मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में practiced होती है।

रोपण कृषि की विशेषताएं:

  • बड़े पैमाने पर उत्पादन: रोपण कृषि में बड़े क्षेत्र में एक ही फसल उगाई जाती है, जिसके कारण उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है।
  • वाणिज्यिक फसलें: रोपण कृषि में उगाई जाने वाली फसलें मुख्य रूप से वाणिज्यिक होती हैं, यानी इन्हें बाजार में बेचकर मुनाफा कमाया जाता है।
  • श्रम और पूंजी की आवश्यकता: रोपण कृषि में बड़े पैमाने पर श्रम और पूंजी की आवश्यकता होती है।
  • प्रसंस्करण: रोपण कृषि में उत्पादित फसलों का प्रसंस्करण भी खेतों पर ही या निकट के कारखाने में किया जा सकता है।

रोपण कृषि के लाभ:

  • बड़े पैमाने पर उत्पादन: रोपण कृषि में बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है, जिसके कारण खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।
  • रोजगार: रोपण कृषि में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है।
  • आर्थिक विकास: रोपण कृषि देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

रोपण कृषि के नुकसान:

  • पर्यावरणीय क्षति: रोपण कृषि के कारण जंगलों की कटाई और पर्यावरणीय क्षति हो सकती है।
  • सामाजिक समस्याएं: रोपण कृषि में काम करने वाले श्रमिकों को अक्सर कम वेतन और खराब काम करने की स्थिति का सामना करना पड़ता है।

भारत में रोपण कृषि:

भारत में रोपण कृषि एक महत्वपूर्ण कृषि प्रणाली है। भारत में चाय, कॉफी, रबर, कपास, और केला जैसी फसलों का रोपण बड़े पैमाने पर किया जाता है। भारत में रोपण कृषि Assam, Kerala, Karnataka, Tamil Nadu, और West Bengal जैसे राज्यों में प्रचलित है.



avatar

Bhaskar Singh

I'm the creator and writer behind knowmaxx.com. We offer top-notch, easy-to-understand articles covering a range of subjects like technology, science, lifestyle, and personal growth. With a love for learning and a captivating writing approach, I'm dedicated to keeping you informed about the latest happenings in your areas of interest. Know more

Related Post